Ghumantu
Monday, October 10, 2011
क्या भुलूँ,क्या न भुलूँ
अप्रिय को भुलाना,व प्रिय को हमेशा याद रखना जीवन को हर्षमय रखता है
1964
1971
1971
1972
1981
1981
1972
अक्तू २०,1979
1982
आ अब लौट चलें
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