महाबलीपुरम मे पल्लव राजा राजसिम्हा (अत्यन्तकमा) इत्यादि राजाओं के निर्माण किये गए प्रख्यात मंदिरों को देखा | महाबलीपुरम पल्लव की स्मारकीय वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है | चेन्नई व पांडिचेरी जाने वाले अक्सर महाबलीपुरम (मामल्लापुरम) जाते हैं क्योंकि यह प्रख्यात विश्व धरोहर है. पांडिचेरी विश्वविद्यालय में बेटी का टीचर हेतु इंटरब्यू था |
गंगा अवतरण, कृष्ण मंडप, पंचरथ के नाम से प्रख्यात मंदिरों व लेटे हुये विष्णु तथा सिंह मुख सदृश मंच दर्शनीय था | सदियों पहले महाबलीपुरम या शायद उस समय इसे मामल्ल पट्टनम कहा जाता रहा होगा, एक फलता फूलता बंदरगाह था | पहाड़ी के ऊपर चट्टान पर तेल भरने के लिए जगह बनाई गई है जिसे रात को जलाया जाता था ताकि नाविक समुद्र में भटक न जायें. यह हमारा प्राचीनतम दीप स्थंभ (लाईट हाउस) है |
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