Monday, April 4, 2011

होली के पर्व की कुछ पुरानी यादें

होली के पर्व की कुछ पुरानी यादें











इस वर्ष होली में  इंदौर था.वहाँ भी होली व रंग रंग पंचमी तक चलता है.हमलोग तो रंग नहीं खेल सके क्योंकि मेरे दामाद के छोटे भाई की पत्नी का देहांत थोड़ा पहले हो गया था. यहाँ रंग पंचमी के दिन गेर निकलती है,तथा स्थानीय अवकाश में सभी दफ्तर बंद रहते हैं.गेर में सभी लोग धूम-धडाका,लाऊडस्पीकर,तथा बिभिन्न देवी -देवताओं के रूप धरे रहते है. स्त्री पुरुष सामान रूप से भाग लेते है.यातायात वगैरह भी सुचारू रूप से चलते रहते हैं.

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