Wednesday, June 19, 2013

द्वारिका की यात्रा


इंदौर से ६ जून को द्वारिका की यात्रा शुरू किया. रात्रि बिश्राम बडौदा में करने के पश्चात दूसरे दिन शाम तक द्वारिका पहुँच पाया.


बडौदा के गेस्ट हाउस में



बडौदा के गेस्ट हाउस में



बडौदा के गेस्ट हाउस में



बडौदा के गेस्ट हाउस में



बडौदा के गेस्ट हाउस में



बडौदा के गेस्ट हाउस में



बडौदा के गेस्ट हाउस में



बडौदा के गेस्ट हाउस में

बडौदा के गेस्ट हाउस में

सड़क मार्ग से गुजरात में प्रवेश करते समय यह महसूस हुआ कि सचमुच यहाँ पुलिस के सिपाही बहुत ही सहयोगात्मक सोच के हैं. यहाँ पुलिस को बृद्ध ,बच्चे,और महिलाओं को सड़क पार कराते हुए देखकर उनके सेवाभाव पर मन्त्रमुग्ध होना पडा.गुजरात में कहीं भी मुझे अनावश्यक पुलिस के पुलिसिया रोब का सामना नहीं करना पडा,जैसा कि उत्तराखंड इत्यादि राज्यों में देखने को मिलता है..पुलिस में करुणाभाव ,सेवाभाव हर जगह देखने को मिला. डेलीमेल दैनिक में इस बृद्धा,बेबस की अहमदाबाद से छपी रिपोर्ट याद आ गयी.  http://goo.gl/6rhFb 
Manguba pictured with the tent which local people put up for her. She has been living at the roadside near a police station in Ahmedabad for over two decades
 
द्वारिका एक छोटा सा कस्बा है ,जिसमें लगभग दर्जन भर होटल होंगे. सभी स्तर के जैसे पाँच सितारा होटल नहीं हैं लेकिन द्वारिकाधीश,श्री कृष्ण होटल मुझे साफ़ सुथरे दिखाई दिए. यहाँ से द्वारिकाधीश मंदिर भी नजदीक है. रेल स्टेशन से यह होटल कस्बा के दूसरे सिरे पर है.पूरा शहर लगभग ५ किलोमीटर में होगा.

द्वारिकाधीश भगवान का मंदिर

द्वारिकाधीश भगवान का मंदिर


द्वारिकाधीश भगवान का मंदिर


द्वारिकाधीश भगवान का मंदिर



 द्वारिकाधीश का दर्शन रात्रि में ही कर लिया ,जिससे दूसरे दिन शुबह ८ बजे तक बेट द्वारिका के दर्शन के लिए निकल सकूं.

बेट द्वारिका में स्टीमर हेतु पुराना प्लेटफ़ार्म  

बेट द्वारिका समुद्र के किनारे है.यहाँ पहुचने में लगभग  ४५ मिनट लगते हैं.
बेट द्वारिका में स्टीमर हेतु नया  प्लेटफ़ार्म  
समुद्र से जाने और दर्शन इत्यादि करने में लगभग ५ से ६ घंटे लग जाते हैं.




बेट द्वारिका में सर्वजनिक स्टीमर
 हर समय सार्वजनिक स्टीमर मिलती है,जो एक साथ १००-१५० आदमियों को दर्शन हेतु आर-पार कराती रहती है.

बेट द्वारिका में द्वारिकाधीश के दर्शन हेतु समुद्र से जाते हुए


बेट द्वारिका में द्वारिकाधीश के दर्शन हेतु समुद्र से जाते हुए


बेट द्वारिका में द्वारिकाधीश के दर्शन हेतु समुद्र से जाते हुए

बेट द्वारिका में द्वारिकाधीश के दर्शन हेतु समुद्र से जाते हुए


बेट द्वारिका में द्वारिकाधीश के दर्शन हेतु समुद्र से जाते हुए


बेट द्वारिका में द्वारिकाधीश के दर्शन हेतु समुद्र से जाते हुए

बेट द्वारिका में द्वारिकाधीश के दर्शन हेतु समुद्र से जाते हुए


बेट द्वारिका में द्वारिकाधीश के दर्शन हेतु समुद्र से जाते हुए

 इसके अतिरिक्त अगर रिजर्ब स्टीमर चाहिए तो वह भी १४००-१५०० रूपये में मिल जाती है,जो तुरंत आपको उस पार पहुंचा देती है.

जुगाड़ की सवारी


जुगाड़ की सवारी

   स्टीमर से उतरने के बाद मंदिर तक जाने के लिए सभी की इच्छा हुई की जुगाड़ से चला जाय, जो कानूनी रूप से केवल गुजरात में चलता है.


जुगाड़ की सवारी


जुगाड़ की सवारी






जुगाड़ की सवारी







मंदिर में दर्शन कराने का प्रबंध काफी अच्छा है.कहीं भी पुलिस,पुजारी और पंडित का अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं है. प्रसाद हेतु पर्ची से शुल्क जमा कर प्रसाद प्राप्त किया जाता है. पंडित,पुजारी सही सलाह देते हैं और भरपूर सहयोग करते हैं.
दर्शन से लौटते समय स्टीमर को कोई प्लेटफॉर्म ही खाली नहीं मिला,जिससे कुछ देर तक स्टीमर को समुद्र में इधर-उधर टहलना पडा. 



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