Thursday, June 20, 2013

नागेश्वरनाथ और सोमनाथ


मंदिर प्रांगण में बृक्ष की छाया में
नागेश्वार  नाथ ज्योतिर्लिंग द्वारिका और बेट द्वारिका के रास्ते में पड़ता है. मंदिर के अन्दर ज्योतिर्लिंग है.मंदिर के बाहर भगवान शिव की आसन मुद्रा में भब्य मूर्ति है.





मंदिर के अन्दर ही पूजा सामग्री और पूजा थाल मिलती है.पूजा कराने के लिए शुल्क जमा कर पर्ची मिलती है और पुजारी पूजा कराते हैं. सभी कार्य इतना ब्यवस्थित है कि देखकर आश्चर्य होता है. पूजा के लिए ड्रेस कोड है,जिसमें नीचे धोती धारण करनी होती है ,जो वहाँ नि:शुल्क उपलब्ध है और अगर आप चांहे तो अपनी साफ़,स्वच्छ धोती पहन पूजा करा सकते हैं. पूजा में दान-दक्षिणा और चढ़ावा हेतु कहीं भी आग्रह नहीं देखने को मिला.



 सोमनाथ मंदिर समुद्र किनारे है. बहुत ही खुले स्थान में है,जहां ज़रा भी धक्का-मुक्की और भीड़ का अहसास नहीं होता. पूजा सामग्री बेचने वालों को काफी दूर पर रोक दिया गया है,जिससे इनके अनावश्यक हस्तक्षेप व शोर से दर्शनार्थी परेशान नहीं होता है. बहुत सारे बैठने के पत्थर के बेंच बनाए गए जिस पर दर्शनार्थी आराम करते हुए अपनी इच्छानुसार दर्शन करते हैं.

 सोमनाथ में होटल कम हैं,लेकिन इससे २ कि०मी० दूर बेरावल शहर में हर स्तर के होटल हैं.

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