केरल का गुरुवायूर मंदिर व श्री पद्मनाभं मंदिर
गुरुवायूर मंदिर
श्री पद्मनाभं मंदिर
श्री पद्मनाभं मंदिर त्रिवेन्द्रम में कोई कोट, पैंट पहनकर नहीं जाया जा सकता है और महिलायें सलवार, कुर्ता पहनकर नहीं जा सकती हैं। इसे देखने जाने के लिए आपको ऊपर के कपड़े उतारने पड़ेगें और एक धोती पहनकर जाना होगा। महिलायें सलवार, कुर्ता के ऊपर धोती पहन सकती है।
मन्दिर, अन्दर से बहुत भव्य है।इसमें, भगवान विष्णु की, शेषनाग की शैय्या पर लेटे हुए मूर्ति है। इस मूर्ति को एक बार में नहीं देखा जा सकता है। इसके लिऐ कई दरवाजे हैं।
एक जमाने में केरल के समाज में जाति व्यवस्था और अस्पृश्यता समाज में गहरे तक धंसा था। स्वामी विवेकानंद ने केरल के समाज में भेदभाव की उस स्थिति पर गहरी चिंता जताई थी और महात्मा गांधी ने भी केरल के मंदिरों में दलितों के प्रवेश के लिए सत्याग्रह चलाए थे। केरल के प्रसिद्ध गुरुवायूर मंदिर(केरल की सांस्कृतिक राजधानी थ्रिस्सूर (त्रिचूर) से २९ किलोमीटर उत्तर पश्चिम में एक नगर है ‘गुरुवायूर’ जिसे दक्षिण का द्वारका भी कहा जाता है) में भी दलितों और गैर-हिंदुओं के प्रवेश को लेकर लंबे समय तक जनआंदोलन चला था, लेकिन तमाम आंदलनों और समाज में शिक्षा के प्रचार प्रसार ने भी इस सामजिक बुराई को कम किया हो ऐसा प्रतीत नहीं होता है। सूबे के रजिस्ट्री विभाग में इंसपेक्टर जनरल के पद पर काम करने वाले एके रामकृष्णन जब पिछले 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए तो उस दिन उनकी विदाई के बाद उनके ही दफ्तर में काम करने वाले कुछ लोगों ने उनकी कार को पहले पानी से धोया और फिर मंत्रोच्चार के बीच सार्वजनिक रूप से कार का शुद्धीकरण किया गया। बात इतने पर ही नहीं रुकी अगले दिन तो रजिस्ट्रार के दफ्तर के लोगों ने और आगे बढ़कर रामकृष्णन के बैठनेवाले कमरे और उनकी कुर्सी को भी पवित्र पानी में गाय के गोबर को घोलकर उससे साफ किया। पानी में गाय के गोबर को मिलाकर शुद्धीकरण करने की केरल में पुरानी मान्यता है। उस कांग्रेस पार्टी के नेताओं को भी यह मुद्दा नहीं लगा जिसके केरल के ही नेता और अब केंद्र में मंत्री वायलार रवि के बेटे के विवाह के बाद गुरुवायूर मंदिर को शुद्ध किया गया था। राज्य मानवाधिकार आयोग ने सरकार के राजस्व विभाग से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।मन्दिर, अन्दर से बहुत भव्य है।इसमें, भगवान विष्णु की, शेषनाग की शैय्या पर लेटे हुए मूर्ति है। इस मूर्ति को एक बार में नहीं देखा जा सकता है। इसके लिऐ कई दरवाजे हैं।
दर्शन के लिए तैयारी |
दर्शन के लिए जाते हुए लोग |
पास का तालाब जिसमें मछलियों को लोग दाना खिलाते हैं |
यहाँ मछलियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता |
त्रिवेन्द्रम के समुद्र तट भी बहुत मनोहारी हैं
कुछ फोटो Frontline से साभार
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